—–पेड़-पौधे लगायें, समृध्दि पायें—–
बुध के अधीन आने वाले नक्षत्रों में पैदा हाने वाले जातक हरे पौधे या हरे रंग प्रयोग कर सकें है, ऐसा करें लाभ होगा। 
अश्लेषा, ज्येष्ठा व रेवती बुध के अधीन आते है और ये तीन नक्षत्र क्रमशः कर्क, वृश्चिक व मीन राशियों में पड़तें है। इन्हे गंद मूल नक्षत्र भी कहा जाता है। 
इनमें जन्में जातक कहीं न कहीं कभी न कभी विरक्त हो ही जातें है, भौतिकता से दूर हो जातें है। ये नक्षत्र समृध्दि तों देतें है किन्तु सर्तक नही रहा जाए तो इरादें कच्चे व सोच परिवर्तनशील हो जाती है। अतः इन नक्षत्रों में पैदा होने वालें जातक कों रंगों के उपयोग में सावधानी बरतनी चाहिए। 
अश्लेषा नक्षत्र का रंग गहरा कत्थाई या काले में लाल रंग के मिश्रण जैसा है। कर्क राशि स्वामी चंद्र को सफेद रंग भाता है। अतः दोनों ही रंगों का उपयोग करना चाहिए। बुध के दूसरे नक्षत्र ज्येष्ठा का क्रीम रंग होता है। 
वृश्चिक स्वामी मंगल सिंदूरी व तांबे रंग को स्वीकार करता है। अतः क्रीम रंग के साथ हल्के मंगल ग्रह के रंगों का उपयोग करना आपकी सुख-शांति में सहायक होगा। रेवती नक्षत्र मीन राशि में आता है। 
रेवती का अपना सहायक रंग कत्थई है। अतः इस रंग के साथ-साथ सुनहरे पीले रंग का प्रयोग करना चाहिए। 
बुध ग्रह को हरे व हल्के रंग भातें है। हरी घास व हरियाली में यह सदा प्रसन्न रहतें है। अतः बुध के नक्षत्र में पैदा होने वालें जातक सदाबहार हरे पौधे या हरे रंग का नक्षत्रों के रंगों के साथ प्रयोग कर सकतें है।     

पंडित दयानन्द शास्त्री
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