रणदीप हुड्डा हिन्‍दी फिल्‍मों के अभिनेता हैं। वे फिल्‍मों में आने से पहले मॉडलिंग और थियेटर में अभिनय करते थे। वह अपने अभिनय की वजह से लोगों के बीच खासा चर्चित हैं। फिल्‍मों के अलावा वे पोलो और शो जंपिंग जैसे खेलों में बराबर प्रतिभाग करते हैं। वह समाजसेवी और ब्‍लॉगर भी हैं। रणदीप का जन्म .. अगस्त .976 को रणदीप हुड्डा का जन्‍म रोहतक, हरियाणा में सुबह 9 बजे हुआ था। उनके पिता का नाम डॉ रनबीर हुड्डा है। उनकी मां का नाम आशा हुड्डा है।उनकी एक बड़ी बहन भी हैं जिनका नाम डॉ अंजली हुड्डा सांगवान है। उनका एक छोटा भाई भी है जिसका नाम संदीप हुड्डा है।
पृष्‍ठभूमि
रणदीप हुड्डा का जन्‍म रोहतक, हरियाणा में हुआ था। उनके पिता का नाम डॉ रनबीर हुड्डा है। उनकी मां का नाम आशा हुड्डा है।उनकी एक बड़ी बहन भी हैं जिनका नाम डॉ अंजली हुड्डा सांगवान है। उनका एक छोटा भाई भी है जिसका नाम संदीप हुड्डा है।रणदीप हुड्डा के पिता का नाम रणबीर हुड्डा और मां का नाम आशा हुड्डा है। दोनों अलग हो गए थे और रणदीप को दादी के पास छोड़कर काम के लिए मिडिल ईस्ट में चले गए थे। एक पुराने इंटरव्यू में रणदीप ने कहा था कि उन्हें उस वक्त ऐसा लगा था जैसे उनके माता-पिता ने उन्हें धोखा दिया।
पढ़ाई
रणदीप हुड्डा की पढ़ाई मोतीलाल नेहरू स्‍कूल ऑफ स्‍पोटर्स, सोनीपत, हरियाणा से हुई थी। शुरूआती दिनों में उनका खेलों की तरफ काफी रूझान था लेकिन बाद में उन्‍होंने थियेटर और एक्टिंग की तरफ अपनी रूचि विकसित की। उनका दाखिला दिल्‍ली पब्लिक स्‍कूल, आर.के.पुरम, नई दिल्‍ली में भी हुआ था। स्‍कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद वे मेलबर्न चले गए जहां से उन्‍होंने मॉर्केटिंग में स्‍नातक की डिग्री प्राप्‍त की और बिजनेस मैनेजमेंट और ह्यूमन रिर्सोस मैनेजमेंट में स्‍नाकोत्‍तर की डिग्री प्राप्‍त की।
रणदीप हुड्डा की पढ़ाई मोतीलाल नेहरू स्‍कूल ऑफ स्‍पोटर्स, सोनीपत, हरियाणा से हुई थी। शुरूआती दिनों में उनका खेलों की तरफ काफी रूझान था लेकिन बाद में उन्‍होंने थियेटर और एक्टिंग की तरफ अपनी रूचि विकसित की। उनका दाखिला दिल्‍ली पब्लिक स्‍कूल, आर.के.पुरम, नई दिल्‍ली में भी हुआ था। स्‍कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद वे मेलबर्न चले गए जहां से उन्‍होंने मॉर्केटिंग में स्‍नातक की डिग्री प्राप्‍त की और बिजनेस मैनेजमेंट और ह्यूमन रिर्सोस मैनेजमेंट में स्‍नाकोत्‍तर की डिग्री प्राप्‍त की।फिल्‍मों के अलावा वे पोलो और शो जंपिंग जैसे खेलों में बराबर प्रतिभाग करते हैं। वह समाजसेवी और ब्‍लॉगर भी हैं।
करियर
हुड्डा के फिल्‍मी करियर की शुरूआत मीरा नायर की फिल्‍म ‘मॉनसून वेडिंग’ से हुई थी। मुख्‍य अभिनेता के तौर पर वे राम गोपाल वर्मा की फिल्‍म ‘डी’ में दिखाई दिए इसके बाद उन्‍होंने कई छोटी-बड़ी फिल्‍मों में काम किया और अपने अभिनय का इंडस्‍ट्री में लोहा मनवाया। फिल्‍म ‘वन्‍स अपान ए टाइम इन मुंबई’ उनके करियर का टर्निंग प्‍वाइंट रही। इसके बाद भी रणदीप कई फिल्‍मों में अभिनय कर चुके हैं। जन्‍नत ., मर्डर ., सरबजीत, बागी ., सुल्‍तान और किक . उनकी बेहतरीन फिल्‍में हैं।
एक इंटरव्यू में रणदीप हुड्डा ने बताया था कि ऑस्ट्रेलिया में रहना इतना आसान नहीं था। गुजर बसर करने के लिए उन्हें कई छोटे-छोटे काम करने पड़े। उन्होंने वेटर, टैक्सी ड्राइवर और कार धोने का काम तक किया था। जिससे मिले पैसों से वो अपना खर्चा निकालते थे।
रणदीप की कुण्डली 
  • रणदीप हुड्‍डा का जन्म .. अगस्त .976 को हरियाणा के रोहतक जिले में एक छोटे से गांव में सुबह 9 बजे हुआ था।
  • उनकी जन्म राशि वृषभ एवम जन्म लग्न कन्या बनता हैं। लग्न में ही मंगल ,बुध की युति स्थित हैं।
  • भाग्य स्थान में चंद्रमा, गुरु के साथ, वृषभस्थ हैं।
  • उनके जन्म के समय मृगशिरा नक्षत्र का दूसरा चरण चल रहा था, जो चंचल, चतुर बनाता है।
  • इस नक्षत्र के कारण जातक घमण्डी भी हो सकता है, अत: इसका ध्यान रखना चाहिए। सूर्य की स्थिति सही निर्णय लेने में बाधक है, अत: सोचकर किसी भी कार्य को करना चाहिए। यहां सूर्य ..वे भाव में, शुक्र के साथ अपनी ही राशि ,सिंह में स्थित हैं।
  • रणदीप अपने कार्य के प्रति कृतज्ञ है, यह मंगल का प्रभाव है। कुंडली में बुध की स्थिति बुद्धिमान एवं पराक्रमी बनाती है। बुध कन्या राशि पर होने से रणदीप आर्थिक रूप से सुखी है। जन्म के समय गुरु का शुक्र की राशि में परिभ्रमण होने से आर्थिक सम्पन्नता एवं सुख उन्हें नसीब है।
  • शुक्र के कारण मित्रता अच्छा लाभ देती है। शुक्र सुख भी प्रदान करता है। भविष्य में .. वें भावस्थ शनि के कारण संतान से संबंधित तकलीफ हो सकती है क्योंकि पंचम भाव का स्वामी ..वें भाव मे बैठा हुआ हैं। कुंडली में धन भाव (दूसरे भाव) में तुला के राहु की स्थिति भी पराक्रमी, विद्वान एवं आर्थिक रूप से संपन्न बनाती है। केतु भी भाग्योदय करता है।
  • रणदीप की उपलब्ध कुण्डली पितृदोष/कालसर्प दोष है, अत: उन्हें कालसर्प की शांति अवश्य कराना चाहिए। इसका पूजन उज्जैन में होता है। साथ ही राहु-केतु की शांति करना चाहिए। साथ साथ उज्जैन के अंगारेश्वर महादेव पर मंगल शान्ति अनुष्ठान भी लाभदायक रहेगा।
  • रणदीप का जन्म मंगल की महादशा में हुआ है, जिसका भोग्यकाल 5 वर्ष 6 माह .9 दिन रहा। वर्तमान में शनि की महादशा चल रही है, जो कि  . जून …5 से चल रही है .. जून …4 तक रहेगी।
  • शनि की महादशा में .4 जून …8 से बुध की अन्तर्दशा चल रही है, जो .. फरवरी …. तक रहेगी।
  • रणदीप का केरियर सितंबर …9 अच्छा रहेगा, जब उनको शनि, बुध में गुरु की प्रत्यन्तर दशा चलेगी। किसी बड़े निर्माता की फिल्म में काम मिलने वाला रहेगा, दिसंबर …. मध्यम तब वे शनि की प्रत्यंतर्दशा में रहेगें। रणदीप को हीरा पहनना चाहिए।

जानिए कैसे होते हैं मृगशिरा नक्षत्र के जातक

भारतीय ज्योतिष में मृगशिरा नक्षत्र वृषभ व मिथुन राशि में समाविष्ट है| मृगशिरा नक्षत्र में पैदा हुए जातक सौम्य व आकर्षक प्रकृति के होते हैं तथा लगातार ज्ञान की ख़ोज करते रहते हैं| उनमें मानसिक चतुरता के साथ-साथ ज्ञानार्जन करने की महान क्षमता होती है| उन्हें कार्य का अत्यधिक बोझ लेने या अशांत होने से बचना चाहिए| उन्हें शारीरिक रूप से सक्रिय रहने पर संतुलन बनाने में सहायता मिलती है| मृगशिरा नक्षत्र का स्‍वामी मंगल ग्रह को माना गया है। यही वजह है कि इस नक्षत्र में जन्‍में लोगों पर मंगल का सीधा प्रभाव देखने को मिलता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार मृगशिरा नक्षत्र का स्वामी मंगल ग्रह है। यह हिरन के सर की तरह दिखायी देता है। इस नक्षत्र के सोमा (चंद्र – चंद्रमा) और लिंग स्री है। यदि आप मृगशिरा नक्षत्र से संबंध रखते हैं, तो उससे जुड़ी अनेक जानकारियाँ जैसे व्यक्तित्व, शिक्षा, आय तथा पारिवारिक जीवन आदि यहाँ प्राप्त कर सकते हैं।
मृगशिरा नक्षत्र को समस्त नक्षत्रों में सबसे अधिक जिज्ञासु माना गया है तथा ऐसे जातकों में उत्तम हास्यवृत्ति होती है| मृगशिरा नक्षत्र विविधता से संबंधित है तथा इस नक्षत्र में उत्पन्न जातक अपने जीवन के वास्तविक उद्देश्य को खोजने के लिए विभिन्न अनुभवों से गुजरते हैं|
यदि आपका जन्म मृगशिरा नक्षत्र में हुआ है तो आप स्वभाव से चतुर एवं चंचल होते हैं. आप अध्ययन में अधिक रूचि रखते हैं. माता पिता के आज्ञाकारी और सदैव साफ़ सुथरे आकर्षक वस्त्र पहनने वाले होते हैं. आपको श्वेत रंग अत्यधिक प्रिय है . मृगशिरा नक्षत्र में पैदा हुए जातकों का चेहरा बहुत ही आकर्षक एवं सुन्दर होता है. आपका झुकाव विपरीत लिंग की ओर सामान्यतः अधिक होता है. आपका मन सौम्य परन्तु कामातुर होता है.
भ्रमण करना आपको प्रिय है. आपका अधिकतर जीवन विलासितापूर्ण एवं ऐश्वर्यशाली होता है. आप आर्धिक रूप से धनि होने के साथ साथ बहुत ही सोच समझ  कर धन खर्च करने वाले होते हैं. अपने इसी स्वभाव के कारण मित्रों में आप कन्जूस भी कहलाते हैं. आपकी प्रगति में निरंतर बाधाएं आती रहती हैं तथा जीवन परिवर्तनशील रहता है. आप भी इस परिवर्तन को झेलते हुए जीवन में कई बार कार्य क्षेत्र बदलते हैं. आप किसी भी निर्णय पर पहुँचने से पहले उसके हर एक पहलु पर अच्छी तरह सोच विचार कर  लेते हैं. स्वभाव से अक्सर गंभीर और शांत  रहने वाले मृगशिरा नक्षत्र में जन्मे जातक क्रोध कम करते हैं और यदि क्रोधित हो भी जाएँ तो शांत होने पर पश्चाताप भी करते हैं।
ज्‍योतिषशास्‍त्र के मुताबिक इस नक्षत्र में जन्‍में लोगों का प्रेम पर अटूट विश्‍वास होता है। इसके अलावा यह स्‍थाई काम पर अत्‍यधिक भरोसा करते हैं। यही वजह है कि इस नक्षत्र में जन्‍में जातक जो भी काम अपने हाथ में लेते हैं, उसे पूरी मेहनत और लगन से पूरा करते हैं। ये आकर्षक व्‍यक्तित्‍व और रूप के स्‍वामी होते हैं। ग्रह स्‍वामी मंगल होने के चलते ये सदा ही ऊर्जा से भरे रहते हैं। बहुत ही साफ दिल और सभी को प्रेम करने वाले होते हैं लेकिन कोई छल करे तो फिर यह उसे माफ नहीं करते। व्‍यक्तिगत जीवन में ये अच्‍छे मित्र साबित होते हैं। इसके अलावा प्रेम में अूटट विश्‍वास होने के चलते इनका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है।
इस नक्षत्र में जन्मे जातकों का गायन वाद्य आदि कलाओं में अधिक रूचि होती है।

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