शुभ संध्या/ गुड एविनिंग..दोस्तों/मित्रों….आज काफी समय बाद आप लोगो से कुछ मन की बातें बांटने /शेयर करने का मन हो रहा हें…
हो सकता हें की मेरे कुछ विचार/बातें किसी को ठीक/अच्छी न लगे ..किन्तु आप लोगो को पता तो होना ही चाहिए न..नहीं..????
आप सभी जानते हें में घूमता रहता हु…यहाँ से वहां..अनेक अच्छे-बुरे अनुभवों से गुजरता हूँ..
सोशल नेटवर्क वेब साईट्स (फेसबुक,ऑरकुट,नेटलोग,लिंक्ड इन, याहू,होटमेल,ट्विटर तथा अन्य कई जगहों पर मेरे अनेक दोस्त/मित्र हें..इनमे कई बहुत अच्छे हे तो अनेक..केवल मतलबी…जब कभी उनका मतलब/स्वार्थ होता हें तब तो बात करते हें…
जेसे कुंडली/वास्तु परामर्श या फिर अन्य कोई कारण.. मुफ्त में कुंडली दिखानी हो तो अनेक लोग फर्जी दोस्त भी बन जाते हें और खुद को बड़े ज्ञानी बताते हुए हमसे ही ऐसे सवाल-जवाब करते हें..की क्या बताये..???
दिल्ली हो या अन्य स्थान /जगह ..ये लोग वहां जाने पर मिलाने/बातचीत करने से भी कतराते/घबराते हें जी…
फेसबुक/ऑरकुट या अन्य सोशल वेब साईट्स पर तो बहुत दम भरते हे जी ये लोग दोस्ती का …
मेरे साथ कई दफा बुरा अनुभव रहा हें इनका..मेने कई लोगो की मदद की ..बिना पेसे लिए कुंडली देखी. रत्न/स्टोन भी दिए..यंत्र भिजवाये…कुंडली भी बनाकर दी..नेट पर हिंदी लिखना सिखाया….
उनके घरों पर जाकर..यथा संभव हर प्रकार की मदद/सहायता की….
आज हालत ये हें की वे लोग न तो फोन/मोबाईल उठाते हे और न ही किसी इमेल का जवाब देते हें…पते ही बदल दिए हे जनाब…सामान वापस माँगा लिया तो आँखे दिखाते हे..अरे भाई कोनसा गुनाह /अपराध कर दिया हें..आपकी मदद करके..???
मन तो करता हें की उन सभी के नाम-पते सार्वजानिक कर दूँ ताकि अन्य-दुसरे लोग उनसे बच पायें/सकें..आपकी क्या राय/विचार हे???