आइये जाने रोगों में ज्योतिष/हस्तरेखा और वास्तु  की भूमिका --- रोग का कारण,ज्योतिष के नजरिये से--- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लग्न कुण्डली के प्रथम भाव के नाम आत्मा, शरीर, होरा, देह, कल्प, मूर्ति, अंग, उदय, केन्द्र, कण्टक और चतुष्टय है। इस...
आइये जाने उच्च तथा नीच राशि के ग्रह--- ज्योतिष में रूचि रखने वाले लोगों के मन में उच्च तथा नीच राशियों में स्थित ग्रहों को लेकर एक प्रबल धारणा बनी हुई है कि अपनी उच्च राशि में स्थित ग्रह सदा शुभ...
## शादी से पहले ध्यान रखें ये बात--( KUNDALI MILAN BEFORE MERRIGE )------विवाह पूर्व जन्मकुंडली मिलान...(चन्द आवश्यक बातें)  हिंदू वैदिक संस्कृति में विवाह से पूर्व जन्म कुंडली मिलान की शास्त्रीय परंपरा है, लेकिन आपने बिना जन्म कुंडली मिलाए ही गंधर्व...
केसा हो आपका वास्तुसम्मत आफिस ( OFFICE AS PER VASTU RULES ) ----- अक्सर लोग मकान, दुकान या ऑफिस बनाते समय वास्तु के बारे में जानकारी लेते देखे जाते हैं। सवाल उठता है कि आखिर वास्तु है क्या और इसके...
छठ पूजा ( सूर्य आराधना )का पौराणिक महत्व --- छठ हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है । यह पूजा उत्तर भारत एवं नेपाल में बड़े पैमाने पर की जाती है । छठ की पूजा बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश...
भवन/ मकान  में जल स्थान ज्योतिष / वास्तुशास्त्र अनुसार ( Water in Your Home AS PER  Astrology/ Vastushatra)---- वास्तुशास्त्र वर्तमान काल में व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जब से हमारे समय के लोगों ने वास्तुशास्त्र के बारे में जाना...
साउथ में सोने से मिलाती हें पॉजीटिव एनर्जी --- (वास्तुसम्मत शयन कक्ष/ बेड रूम)---( BEDROOM AS PER VASTU RULES )--- वस्त्तुशास्त्र में भवन बनाना, एक विज्ञान और कला दोनों का समावेश है वास्तुशास्त्र पूर्णरूप से एक ऐसा विज्ञान है जिसे आधुनिक समय...
वास्तुदोष- कारण,निवारण और उपाय (Vastudosh – its Remedies)---हर व्यक्ति अपने घर को खूबसूरत रखना चाहता है। करीने से सजा हुआ घर के व्यक्तित्व में चार चांद लगा देता है, सुंदर घर सभ्य और सुशिक्षित होने का सबूत है। आज के युवा...
वास्तुशास्त्र और पूजा स्थान (Vastushastra and The Place of Worship in Your House)---मानव जीवन के चार स्तम्भ हैं १. धर्म २. अर्थ ३.काम ४. मोक्ष, इन चार स्तम्भों में से अंतिम मोक्ष है और मानव इसे ही पाने को...
आइये जाने फलादेश और उनके कारक का ज्ञान---यदि जातक को कुंडली में स्थित कारकों के बारे में यदि स्पष्ट जानकारी हो तो वह स्वयं से जुड़ी जिज्ञासा का समाधान कर सकता है। हर सवाल का जवाब प्राप्त कर सकता है। आइए जाने...

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