कल .6 जुलाई …., (गुरुवार) के दिन से सूर्य, कर्क में प्रवेश कर चुके हैं। जैसे ही सूर्य का कर्क में गोचर हुआ, तभी से सम-सप्तम योग लग गया। इस योग के होने का अर्थ है कि सूर्य कर्क में और शनि मकर राशि में होंगे। दोनों एक दूसरे के सातवें घर में गोचर करेंगे। इससे पहले सूर्य अब तक मिथुन राशि पर गोचर कर रहे थे।
.6 जुलाई …. को सूर्य की कर्क संक्रांति का समय-
संक्रांति का पुण्य काल: प्रात: .5:.4 से प्रात: ..:.. तक
संक्रान्ति महापुण्य काल: प्रात: .8:45 से ..:.. तक
संक्रान्ति का क्षण: प्रात: .. बजकर .. मिनट
.6 जुलाई …. को एकादशी का पर्व भी था। इसे कामिका एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पंडित दयानन्द शास्त्री जी का कहना है कि सम-सप्तम योग का सभी राशियों के जीवन पर प्रभाव पड़ेगा। 5 राशियां ऐसी हैं, जिन्हें संभलकर रहने की जरूरत है। इन राशियों में कर्क, सिंह, मीन, मिथुन और मकर राशि के नाम शामिल हैं। थोड़ी सी भी असावधानी परेशानी बढ़ा सकती है। अन्य राशियों के लिए मिला जुला असर रहेगा एवं कुछ राशियों के लिए अच्छे परिणाम मिलने के संकेत हैं।
सूर्य .6 जुलाई को राशि परिवर्तन कर मिथुन से कर्क राशि में पहुंच रहे हैं। इससे पहले सूर्य अब तक मिथुन राशि पर गोचर कर रहे थे। .6 जुलाई को एकादशी भी है जिसे कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस एकादशी के दिन सूर्य की कर्क संक्रांति होने से विष्णु भगवान की पूजा करना बहुत ही पुण्यकारी और शुभ मानी जाएगी।
पण्डित दयानन्द शास्त्री जी के अनुसार, सूर्य का राशि परिवर्तन साल में .. बार होता है। यानी एक राशि पर सूर्य .. दिनों तक रहते हैं। चूंकि ज्योतिषीय गणना में साल काल चक्र .. राशियों में बंटा होता है ऐसे में माना जाता है कि सूर्य प्रत्येक राशि पर एक महीने तक रहते हैं। .4 मई …. तक सूर्य मेष राशि में थे। इसके बाद अब वह दूसरी राशि वृषभ में एक माह तक गोचर किया। इके बाद .5 जून के बाद वह पिछले .. दिनों से मिथुन राशि में थे जो अब .6 जुलाई का कर्क राशि में संक्रमण करेंगे।
हिन्दू धर्म में ज्योतिषशास्त्रों के किसी भी विचार के लिए राशियों और उस पर सूर्य, चंद्रमा आदि का प्रभाव बहुत महत्वपूर्ण होता है। माना जाता है कि सूर्य जब राशि परिवर्तन करता है तो इसका प्रत्येक राशि पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
जानिये इस राशि परिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ेगा।
सम सप्तक योग से इन राशि के लोगों को लाभ की संभावना
मेष- इस राशि के चौथे भाव में सूर्य का गोचर हो रहा है, जो घर में सुख एवं समृद्धि का परिचायक है।
वृषभ – इस राशि के लोगों का साहस बढ़ेगा। ख्याति बढ़ेगी। कार्यों में सफलता मिलेगी। गोचर काल के समय आप लक्ष्य पूरे करने के लिए अग्रसर होंगे। आय में बढ़ोतरी की भी अच्छी खबर सामने आ सकती है।
कन्या – कन्या राशि के ..वें भाव में सूर्य का गोचर होगा। इसका यह अर्थ है कि बहुत अच्छा समय आने वाला है। अगर आप किसी भी माध्यम से विदेशों से संबंधित कामकाज से जुड़े हैं तो आपको सफलता प्राप्त होगी। यदि आप प्राइवेट, कॉर्पोरेट कर्मचारी हैं तो आपको धन की प्राप्ति होने के प्रबल योग बन रहे हैं।
तुला – तुला राशि के लोगों के लिए बहुत सक्रियता भरा समय आ रहा है। आपमें प्रबंधन एवं नेतृत्व क्षमता विकसित होगी। अधूरे कार्य पूरे होंगे। लक्ष्यों की प्राप्ति होगी। नए कार्यों को आरंभ करने का यह बेहतर समय है। यदि आप सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहे हैं तो आपको सफलता मिल सकती है। प्रॉपर्टी से जुड़े कामों में सफलता के योग हैं।
मीन राशि पर असर —
वर्ष …. के आरंभ से ही मीन राशि के लिए सामान्य समय रहा है लेकिन सम-सप्तक योग बनते ही आपकी कोई बड़ी हानि हो सकती है। आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है। खर्च और कर्ज बढ़ने की आशंका है। कोई हादसा हो सकता है। वाहन संभलकर चलाएं। परिवार के लोगों की सेहत को लेकर सजग रहें।
क्रोध के अतिरेक से बचें, माता से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। नौकरी में किसी दूसरे स्थान पर जाना हो सकता है, आय में वृद्धि होगी। रहन-सहन कष्टकारी हो सकता है, अफसरों का सहयोग मिलेगा। परिवार का भी सहयोग मिलेगा, वस्त्रों आदि पर खर्चों में वृद्धि हो सकती है। माता को स्वास्थ्य विकार हो सकता है, रहन-सहन कष्टकायी हो सकता है। मीन राशि के लिए यह गोचर लाभदायक तो नहीं है लेकिन इससे हानि भी नहीं होगी। आर्थिक स्थिति में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं आएगा।
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