वास्तु : मुख्‍य द्वार और वृक्ष—


घर बनाते समय हम कितनी ही सावधानियाँ बरतें, वास्‍तु (Vastu shastra) अनुरूप बनवाएँ, लेकिन घर के मुख्‍य द्वार के सामने ही ध्‍यान रखना चाहिए।

मुख्‍य द्वार के सामने तीखे या अंदर की ओर कोई नुकीली चीज हो तो वहाँ रहने वालों को कोई न कोई बाधा आती रहेगी। इसी प्रकार यदि घर के सामने बिजली का खंभा या ट्रांसफार्मर लगा हो तो आपके यहाँ अच्‍छी ऊर्जा आने के बजाय निगेटिव ऊर्जा आएगी, जिसके कारण उस घर में रहने वाले लोगों को मानसिक तनाव होगा। उनका स्‍वास्‍थ्‍य भी अच्‍छा नहीं रहेगा। 


मुख्‍य द्वार के सामने कोई रास्‍ता द्वार की ओर जा रहा हो तब भी बाधा का कारण बनता है। ग्रह स्‍वामी की अकाल मृत्‍यु हो सकती है। घर के सामने वृक्ष बड़ा रहे तो वहाँ रहने वालों की प्रगति में बाधा का कारण बनता है। यदि उस वृक्ष की छाँव घर पर पड़ती हो तो नुकसानप्रद रहता है। जबकि उसकी छाया कहीं से भी मकान पर नहीं पड़ती हो तो हानि नहीं होगी।

कई बंगलों में मुख्‍य द्वार के सामने कैक्‍टस के छोट पौधे लगा देते हैं, चाँदनी बेल या मनी प्‍लांट लगा देते हैं, जिससे मुख्‍य द्वार में अवरोध पैदा हो जाता है। इस प्रकार के घर में भी बाधा का कारण बनता है।

कई जगह बंगलों में या घरों के सामने लंबे अशोक वृक्ष लगा दिए जाते हैं, जिससे घर में आड़ सी हो जाती है। यहाँ भी घर में रहने वालों की प्रगति के मार्ग में बाधा का कारण बनता है। जहाँ तक हो सके मुख्‍य द्वार को बाधा से रहित ही रखना चाहिए।

पूर्व में पीपल का पेड़ नहीं होना चाहिए। अन्‍यथा अकारण भय व धन की हानि होती है। आग्‍नेय में अनार का पेड़ अति शुभ परिणाम देने वाला होता है। दक्षिण में गुलर का पेड़ शुभ रहेगा। नैऋत्‍य में इमली शुभ रहती है। दक्षिण नैऋत्‍य में जामुन और कदंब का पेड़ शुभ रहता है। उत्तर में पाकड़ का पेड़ लगाना ठीक रहेगा। ईशान में आँवला का पेड़ अति फलदायी रहता है। ईशान-पूर्व में आम का पेड़ शुभ रहता है। इस प्रकार हम पेड़ लगाकर शुभाशुभ फल प्राप्‍त कर सकते हैं।

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