जानिए वास्तु दोष और कर्ज का सम्बन्ध–


कई बार परिस्थितियों के आगे मजबूर होकर व्यक्ति को कर्ज लेने की नौबत आ जाती है और फिर कर्ज खत्म होने का नाम नहीं लेते। इसका कारण वास्तु दोष भी हो सकता है। एक कर्ज उतरा नहीं कि दूसरा लेने की नौबत आ जाए और इस स्थिति से छुटकारा न मिल रहा हो तो वास्तु से जुड़े तथ्यों पर ध्यान दें। इससे भी कर्ज से छुटकारा मिल सकता है। न चाहते भी कर्ज खत्म होने का नाम नहीं लेता। जिंदगी में ऐसे कई उत्तर चढ़ाव आते है जिसमे उलझकर व्यक्ति अपने घुटने टेक देता है।उन परिस्थितियों से निकलने के लिए वह कर्जन का सहारा लेता हैऔर उस कर्ज में इतना डूब जाता है की उसमे से निकल पाना मुश्किल हो जाता है। कई बार व्यक्ति कर्ज के चलते अपनी जीवन लीला ही समाप्त कर लेते है। लेकिन वे इस स्थिति का पता नहीं लगते की यह सब किन कारणों के चलते हुआ। इसका कारण वास्तु दोष भी है, जिसके कारण कर्ज का बोझ परेशान करता है। एक कर्ज उतरा नहीं, दूसरा लेने की नौबत आ जाती है तथा इस स्थिति से छुटकारा नहीं मिलता।

दुनिया मे अधिकांश लोग कर्ज़ मे डूबे हुए रहते हैं| उनकी लाख प्रयत्न करने के बाद भी वो कर्ज़ से मुक्ति नही पा पाते हैं| वो लाख कोशिश के बाद भी उधारी के बोझ मे ही दबे रहते हैं| कई बार कर्ज पर कर्ज चढ़ता जाता है और जीवन में तनाव घिर आता है, ऐसा वास्तु दोष के कारण भी संभव है। यदि छोटे-छोटे उपाय कर लिए जाएं तो कर्ज के बोझ को कम किया जा सकता है


इस सबका कारण आपकी वास्तु दोष संबंधी आदत हैं जो आपको कर्ज़ से मुक्त करने मे रुकावट बनी हुई हैं| इसलिए में आज आपको गरीबी एवं कर्ज से बचने के लिए कुछ आसान वास्तु उपाय बता रहे हैं —-


 —-दो उचे भवनों घिरा हुआ भवन या भारी भवनों के बीच दबा हुआ भवन भूखण्ड खरीदने से बचें क्योंकि दबा हुआ भवन भूखंड गरीबी एवं कर्ज का सूचक है।
—-दक्षिण-पश्चिम के कोने में पीतल या ताँबे का घड़ा लगा दें।
—–उत्तर या पूर्व की दीवार पर उत्तर-पूर्व की ओर लगे दर्पण लाभदायक होते हैं।
—-दर्पण के फ्रेम पर या दर्पण के पीछे लाल, सिंदूरी या मैरून कलर नहीं होना चाहिए।
—-दर्पण जितना हलका तथा बड़े आकार का होगा, उतना ही लाभदायक होगा, व्यापार तेजी से चल पड़ेगा तथा कर्ज खत्म हो जाएगा। दक्षिण तथा पश्चिम की दीवार के दर्पण हानिकारक होते है।
—–उत्तर-पूर्व का तल कम से कम . से . फीट तक गहरा करवा दें।
—–उत्तर या पूर्व की दीवार पर उत्तर-पूर्व की ओर लगे दर्पण लाभदायक होते हैं। दक्षिण और पश्चिम की दीवार के दर्पण हानिकारक होते हैं।
दक्षिण-पश्चिम व दक्षिण दिशा में भूमिगत टैंक, कुआँ या नल होने पर घर में दरिद्रता का वास होता है ||
— अगर आपने किसी से किस्त पे रुपये लिये हैं तो आपको हमेशा कर्ज़ की पहली किस्त मंगलवार को चुकाना चाहिए| अगर ऐसा आप करेंगे तो आप कर्ज से बहुत जल्द मुक्त हो सकते हैं|
—-अगर आप के घर या दुकान मे काँच लगा हुआ है या लगाना चाहते हैं तो ध्यान रहें की काँच हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा मे हो| ऐसा करने से ये लाभप्रद साबित होता हैं और कर्ज़ से भी छुटकारा मिलता हैं|
—- अगर आप घर बनाना चाह रहे हैं या बना रहे हैं तो ध्यान रहें की घर मे बाथरूम दक्षिण-पश्चिम हिस्से मे नही होना चाहिए| अगर इस दिशा मे बाथरूम बनाए तो आप कर्ज़ मे ओर डूब सकते हैं| लेकिन आपने घर बना लिया हैं और बाथरूम की दिशा दक्षिण-पश्चिम मे हैं तो बाथरूम मे एक नमक का कटोरा रखें, इससे वास्तु दोष कम होता हैं|
—-अगर आपके घर मे कांच का फ्रेम हो तो ध्यान रहे की वो लाल या सिंदूरी रंग का ना हो| और अगर कांच हल्का तथा बड़े आकर का हो तो ये आपके लिए उतना ही फ़ायदेमंद होगा|
—–घर के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में टॉइलट कभी ना बनवाएं। ऐसा होने पर व्यक्ति पर कर्ज का बोझ बढ़ता ही जाता है।
—-सभी के घर मे या दुकानों मे पानी पीने की व्यवस्था तो होती हैं, लेकिन हमें ये नही पता होता हैं की हम अपने घर मे पानी की व्यवस्था किस दिशा मे रखें, जिस कारण-वश हम कर्ज़ मे डूबते जाते हैं| इसलिए अगर आपके घर या दुकान मे पानी की व्यवस्था हैं तो उसकी रखने की दिशा उत्तर की और कर दें| तो इससे कर्ज़ से छुटकारा पाने मे मदद  मिलेगी क्योंकि ये कर्ज़ से मुक्त दिलाने मे लाभ दायक होता हैं|
—–अगर आपके घर या दुकान मे सीढ़ियाँ हैं और वो पश्चिम दिशा की और हैं या पश्चिम दिशा की तरफ से नीचे की और आती हैं तो आप कर्ज़ मे डूब सकते हैं या कर्ज़ मुक्ति से परेशान हो सकते हैं| इसके लिए आप अपने घर या दुकान के सीढ़ियों के नीचे क्रिस्टल को लटका दें| इससे आप कर्ज़ से मुक्त हो सकते हैं|
—- हम हमेशा से अपने किचन को सजाने मे कोई भी कसर नही छोड़ते हैं| उसको अच्छा करने के लिए क्या-क्या नही करते हैं हम| लेकिन हम आपको एक बात बताते हैं जो आप ना करें तो आप कर्ज़ से मुक्त हो सकते हैं और आपकी परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी हो सकती हैं| इसके लिए आप अपने किचन मे नीले रंग का उपयोग ना करें क्योंकि इससे आपके घर की आर्थिक स्थिति तो खराब होती ही हैं साथ-साथ परिवार के सदस्यों का स्वस्थ भी खराब हो सकता हैं|
—-उत्तर दिशा की ओर ढलान जितनी अधिक होगी संपत्ति में उतनी ही वृद्धि होगी।
—-यदि कर्ज से अत्यधिक परेशान हैं तो ढलान ईशान दिशा की ओर करा दें, कर्ज से मुक्ति मिलेगी।
—-पूर्व तथा उत्तर दिशा में भूलकर भी भारी वस्तु न रखें अन्यथा कर्ज, हानि व घाटे का सामना करना पड़ेगा।
—भवन के मध्य भाग में अंडर ग्राउन्ड टैंक या बेसटैंक न बनवाएँ।
—-उत्तर व दक्षिण की दीवार बिलकुल सीधी बनवाएँ।
—–उत्तर की दीवार हलकी नीची होनी चाहिए।
—–कोई भी कोना कटा हुआ न हो, न ही कम होना चाहिए। गलत दीवार से धन का अभाव हो जाता है।
—–यदि कर्ज अधिक है और परेशान हैं तो ईशान कोण को 9. डिग्री से कम कर दें। 
——उत्तर-पूर्व भाग में भूमिगत टैंक या टंकी बनवा दें। टंकी की लम्बाई, चौड़ाई व गहराई के अनुरूप आय बढ़ेगी। 
—— अपने घर या दुकान मे देवी लक्ष्मी तथा भगवान कुबेर की प्रतिमा उत्तर दिशा मे स्थापित करें और नियमित रूप से माता लक्ष्मी और कुबेर की पूजा करें| ऐसा करने से आपकी सारी उधारी और कर्ज़ समाप्त हो जाएँगे|
—–मकान का मध्य भाग थोड़ा ऊँचा रखें। इसे नीचा रखने से बिखराव पैदा होगा।
—– यदि उत्तर दिशा में ऊँची दीवार बनी है तो उसे छोटा करके दक्षिण में ऊँची दीवार बना दें।
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कर्ज मुक्ति हेतु कुछ जरुरी सुझाव–


कई बार आप मेहनत करने के बावजूद भी घर में बरकत को लेकर परेशान रहते हैं। कहा जाता है घर में सुख-समृद्धि घर के वास्तु या वातावरण पर भी निर्भर करती है। इसलिए आज हम आपको घर में पड़े उस सामान के बारे में बता रहे हैं कि जो कि आपको घर में नहीं रखना चाहिए। 


—-कभी भी घर में टूटे-फूटे बर्तन नहीं रखने चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, यदि ऐसे बर्तन घर में रखे जाते हैं तो इससे मां लक्ष्मी असप्रसन्न होती हैं और घर में दरिद्रता का प्रवेश हो सकता है।
——कहा जाता है कि घर में टूटा हुआ शीशा रखना एक दोष है। इससे नकारात्मक ऊर्जा घर में सक्रिय हो जाती है और परिवार के सदस्यों को इसका परिणाम भुगतना पड़ सकता है।
—-पूजा करते समय दीपक, देवी-देवताओं की मूर्तियां, यज्ञोपवीत (जनेऊ), सोना और शंख, इन 7 चीजों को कभी भी सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए। इन्हें नीचे रखने से पहले कोई कपड़ा बिछाएं या किसी ऊंचे स्थान पर रखें।
—-आजकल कई लोग रात में बेडरूम में खाना खाते हैं और झूठे बर्तन वहीं छोड़ देते हैं। लेकिन ऐसा करना अशुभ होता है। इसलिए जब कभी भी बेडरूम में खाना खाएं तो झूठे बर्तनों को किचन में या कहीं और रखें। कहा जाता है ऐसा करने से धन की हानि होती है।
—-बर्तन और शीशे की तरह खराब घड़ी भी घर में नहीं रखनी चाहिए। घड़ी की स्थिति से ही हमारे घर परिवार की उन्नति होती है, इसलिए घर में खराब और बंद घड़ी को घर में न रखें।
—-कभी भी तिजोरी में किसी विवाद से संबंधित पेपर नहीं रखने चाहिए। कहा जाता है कि तिजोरी में विवादित पेपर रखने से जल्दी खत्म नहीं होता और दरिद्रता बढ़ती जाती है।
—-वहीं घर के स्टोर रूम के पास या बाथरूम के बगल में पूजा घर नहीं होना चाहिए। ऐसा करना वास्तु के अनुसार सबसे अशुभ होता है।
—-घर की रसोई हमेशा अग्रि कोण में हो, गैस चूल्हा भी अग्रि कोण (साऊथ ईस्ट) में, खाना पूर्व की ओर मुंह करके बनाएं, शैंक (बर्तन धोने वाला) हमेशा नार्थ ईस्ट (ईशान कोण) में रखें। शयन कक्ष या रसोई में रात को झूठे बर्तन मत छोड़ें। हमेशा धो-मांज कर रखें।
— शयन कक्ष में मदिरापान तथा कोई दूसरा व्यसन न करें, बैडरूम में कोई डरावना चित्र न लगाएं, अपने बड़े बुजुर्गों के चित्र सिर्फ लॉबी या ड्राइंगरूम में दक्षिण दिशा में लगाएं।
—शयनकक्ष में आपका पलंग कमरे के दरवाजे के सामने न हो, पलंग का सर दक्षिण दिशा में और पैर उत्तर दिशा की ओर रहने चाहिएं।
— घर में . दरवाजे आमने-सामने एक ही सीध में न हों।
—-सीढ़ी के नीचे कोई बिजली का उपकरण न हो, न ही कोई खाने-पीने का सामान होना चाहिए। सीढ़ी कभी भी पश्चिम या दक्षिण में न खुलती हो, इसके बहुत भयावह नुक्सान हैं।


एस हो घर का ढलान :— घर का उत्तर-पूर्व भाग का ताल ज्यादा ढलान में होना चाहिए। उत्तर-पूर्व भाग जितना गहरा और जितना ढलान में रहेगा घर में उतनी अधिक सम्पति आएगी। 
कहाँ पर हो टैंक, कुआं या नल :— घर के दक्षिण दिशा में कभी भी नल, कुआ, हेण्डपम्प, या अन्य कोई जल स्तोत नहीं होना चाहिए। जिस घर्म में ऐसा होता है उस घर में दरिद्रता का वास होता है। 
कहाँ रखें भारी वस्तु :— घर की उत्तर दिशा एवं पूर्व दिशा में कभी भी भारी वस्तुए को न रखे।ऐसा करने से व्यक्ति कर्ज में और भी डूबता जाता है। 
दीवार सीधी बनवाएं :—– घर बनवाते समय इस बात का खास ध्यान रखे की उत्तर व दक्षिण की दीवार बिलकुल सीधी हो किसी भी प्रकार से वह दीवार टेडी मेडी न बने। घर के सभी कोने एक सामान होना चाहिए। साथ इस बात का भी खास ध्यान रखना चाहिए की घर की उत्तर की दीवार थोड़ी सी नीची होनी चाहिए। 
कहाँ पर नहीं हो टॉयलेट :—- घर के दक्षिण व पश्चिम भाग में कभी भी टॉयलेट नहीं बनवाना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति और भी कर्जा लेना पड़ता है। बाथरूम भूल कर भी नार्थईस्ट (ईशान कोण) में न हो, हमेशा दक्षिण-पश्चिम, पश्चिम-उत्तर पश्चिम टायलेट की सीट पर पूर्व या उत्तर की तरफ मुंह करके बैठें, टायलेट में कांच के बाऊल में क्रिस्टल साल्ट (दरदरा नमक) भर कर रखें, .5 दिन बाद बदल दें, पहला टायलेट के सिंक में डाल दें। अगर किसी कारण टायलेट उत्तर-पूर्व में हो तो इसके दरवाजे पर रोअरिंग लायन का फोटो पेस्ट कर दें।
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यदि आप उपरोक्त सभी उपाय किसी योग्य एवं अनुभवी वास्तुशास्त्री के दिशा निर्देश में  करेंगे तो आप हमेशा कर्ज़ से मुक्त हो सकते है||

शुभम भवतु || कल्याण हो||


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