नया घर शुभ होगा या अशुभ—
अंकों की सहायता से पहचाने उन्नतिदायक घर—
नया घर बाँधने या नया फ्लैट लेने से पहले यह जान लेना नितांत जरूरी है कि वह घर आपके लिए उन्नतिकारक होगा या नहीं। इस हेतु घर की ‘आय व व्यय’ की गणना की जाती है।
आय की गणना :—-
घर का क्षेत्रफल निकालें। इस क्षेत्रफल को 8 से भाग दें। जो संख्या बाकी रहे उसे ‘आय’ समझना चाहिए। यदि बाकी रहे संख्या ., ., 5, 7 है तो घर आपके लिए सुख समृद्धि लाएगा मगर ., ., 4, 6, 8 हो तो घर अशुभ या धन की कमी करने वाला हो सकता है। ऐसे में घर के ‘बिल्ट अप एरिया’ में परिवर्तन करके शुभ आय स्थापित की जा सकती है।
अंकों की सहायता से पहचाने उन्नतिदायक घर—
नया घर बाँधने या नया फ्लैट लेने से पहले यह जान लेना नितांत जरूरी है कि वह घर आपके लिए उन्नतिकारक होगा या नहीं। इस हेतु घर की ‘आय व व्यय’ की गणना की जाती है।
आय की गणना :—-
घर का क्षेत्रफल निकालें। इस क्षेत्रफल को 8 से भाग दें। जो संख्या बाकी रहे उसे ‘आय’ समझना चाहिए। यदि बाकी रहे संख्या ., ., 5, 7 है तो घर आपके लिए सुख समृद्धि लाएगा मगर ., ., 4, 6, 8 हो तो घर अशुभ या धन की कमी करने वाला हो सकता है। ऐसे में घर के ‘बिल्ट अप एरिया’ में परिवर्तन करके शुभ आय स्थापित की जा सकती है।
व्यय की गणना :—-
घर के क्षेत्रफल को 8 से गुणा करके .7 से भाग दें। यह संख्या घर का गृह नक्षत्र बताएगी। इस संख्या को 8 से भाग देने पर शेष संख्या ‘व्यय’ कहलाएगी। यदि ‘आय’ की संख्या व्यय से अधिक है तो घर शुभ माना जाए, यदि आय-व्यय बराबर हों तो आय-व्यय से कम हो तो वह घर कदापि आपको उन्नति नहीं देगा। ऐसे घर में परिवर्तन करना नितांत आवश्यक होता है।
उदाहरण :—
एक घर का क्षेत्रफल 997 वर्गफीट है। इसकी आय की गणना निम्नानुसार करेंगे।
997 भाग 8 शेष 7
7 विषम आय है जो शुभ है।
व्यय की गणना :—
क्षेत्रफल – 997 वर्गफीट
997 गुणा 8 – 7976
7976 भाग .7
शेष – ..
यहाँ आय-व्यय को देखें तो व्यय-आय से अधिक है अत: घर धन व समृद्धिदायक नहीं रहेगा। घर बनाने से पहले इन सारी बातों का विचार करना आवश्यक है ताकि नया घर आपके जीवन में खुशियाँ ला सके।