शुभ दीपावली-….
( बधाइयाँ /शुभ कामना सन्देश)
(## पंडित दयानंद शास्त्री ‘अंजाना’##)
आओं मिलकर दिल जलाएं…
जगमग जगमग धरती हो जाएँ..
दीपों से दीप जलाकर हम….
घर चोबरें में उजियारा करें…
भेदभाव हम सभी भुलाकर…
मन का तमस/अँधेरा दूर करें…
हंस-खुशकर ये त्यौहार मनाएं..
बम पटाखों से होता शोर…
आतिशबाजी का होता जोर….
जगमग जगमग दीवाली में..
सावधानी भी बरती/रखी जाएँ..
दीवाली के इस शुभ प्रकाश में..
आती होठों पर मुस्कान…
लक्ष्मी -गणेश के पूजन से…
सबको मिले सुबुद्धि,धन का वरदान…
सभी के घर आँगन रिद्धि-सिद्धि आये..
आओ मिलकर दीप जलाएं…
जगमग-जगमग धरती हो जायें…
अन्धेरा धरा पर कहीं रह न जाये |
नयी ज्योति के धर नये पंख झिलमिल,
उडे मर्त्य मिट्टी गगन स्वर्ग छू ले,
लगे रोशनी की झडी झूम ऐसी,
निशा की गली में तिमिर राह भूले,
खुले मुक्ति का वह किरण द्वार जगमग,
उषा जा न पाये, निशा आ ना पाये |
जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना
अन्धेरा धरा पर कहीं रह न जाये |
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सफलता कदम चूमती रहे, ख़ुशी सदा पास रहे,
यश इतना फैले की दिशायें रोशन हो जाएँ,
लक्ष्मी इतनी बरसे की दामन छोटा पड़ जाए,
दीप जलते जगमगाते रहे,
आप हमें और हम आपको याद आते रहे,
जब तक ज़िन्दगी है, दुआ है हमारी,
आप चाँद की तरह जगमगाते रहे,
आई आई दिवाली आई, साथ में कितनी खुशियाँ लायी,
धूम मचाओ, मौज मनाओ,
आप सभी को दिवाली की बधाई.
दीपावली का यह पावन पर्व आप सभी के लिए, और राष्ट्र के लिए, सुख, वैभव और सुरक्षा का कारक बने , यही , प्रभु के श्रीचरणों में विनती है..
…
छोटा सा एक, दीप जलायें।
मानव-मन को पुन: मिलायें।।
अंधकार से ढका विश्व है,
दीप से दीप जलाते जायें।
चौराहे पर रक्त बह रहा,
नारी नर को कोस रही है,
नर नारी का खून पी रहा,
लक्ष्मीजी चीत्कार रही हैं।
राम का हम हैं, स्वागत करते
रावण मन के अन्दर बस रहा।
लक्ष्मी को है मारा कोख में
अन्दर लक्ष्मी पूजन हो रहा।
आओ शान्ति सन्देश जगायें
हर दिल प्रेम का दीप जलायें।
बाहर दीप जले न जले,
सबके अन्दर दीप जलायें।
विद्वता बहुत हाकी है अब तक,
पौथी बहुत बांची हैं अब तक,
हर दिल से आतंक मिटायें,
छोटा सा एक, दीप जलायें।
दीवाली का पर्व हम सबको आत्मचिन्तन एवं आत्मनिरीक्षण का सन्देश देता है। यह पर्व अन्धकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक भी है। बाहर रोशनी बढ़ती जा रही है। हमारे अन्दर व्याप्त ..अज्ञान, अविद्या, पाखण्ड, विषय-वासना, असन्तोष, ईर्ष्या, द्वेष आदि अँधेरे का विनाश हो , यही दीपावली सन्देश है….!!
धन तेरस, छोटी दिवाली , और दीपावली का महान पर्व , सिध्हि विनायक , और माँ लक्ष्मी से शुभ और वैभव की याचना ( कामना) करने के पर्व है… !!
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जीवन की अँधियारी रात हो उजारी !
धरती पर धरो चरण तिमिर-तमहारीपरम व्योमचारी!
चरण धरो, दीपंकर, जाए कट तिमिर-पाश!
दिशि-दिशि में चरण धूलि छाए बन कर-प्रकाश!
आओ, नक्षत्र-पुरुष,गगन-वन-विहारीपरम व्योमचारी!
आओ तुम, दीपों कोनिरावरण करे निशा!
चरणों में स्वर्ण-हासबिखरा दे दिशा-दिशा!
पा कर आलोक, मृत्यु-लोक हो सुखारीनयन हों पुजारी!
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सुख सुहाग की दीव्य ~ ज्योति से, घर आँगन मुस्काये, ज्योति चरण धर कर दीवाली, घर आँगन नित आये”
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ज्योति पर्व संकलन दीप ज्योति नमोस्तुते
दीप शिखा की लौ कहती है,व्यथा कथा हर घर रहती है!
कभी छुपी तो कभी मुखर होअश्रु-हास बन बन बहती है!
हां, व्यथा सखी, हर घर रहती है!
बिछुड़े स्वजन की याद कभीनिर्धन की लालसा ज्यों, थकी-थकी
हारी ममता की आँखों में नमीबन कर, बह कर, चुप-सी रहती है!
हाँ व्यथा सखी, हर घर बहती है!
नत मस्तक, मैं दिवला बार नमूँ,
आरती माँ महा-लक्ष्मी, मैं तेरी करूँ,
आओ घर घर माँ, यही आज कहूं,
दुखियों को सुख दो, यह बिनती करूँ,माँ!
देख दिया अब प्रज्वलित कर दूँ!
दीपावली आई फिर आँगन,बन्दनवार रंगोली रची सुहावन!
किलकारी से गूँजा रे, प्रांगनमिष्टान-अन्न-धृत-मेवा, मन भावन!
देख सखी यहाँ, फुलझड़ी मुस्कावन!
जीवन बीता जाता ऋतुओं के संग-संग ,
हो सब को, दीपावली का अभिनंदन!
दीपावली …
हर सुबह कुछ खास ,हर शाम भी हसीं है ,
तुम हो जब साथ तो हर दिन दशहरा है
तुम हो जब साथ तो हर रात दीवाली है ,
बस दीपकसे जलते रहे ,खुद को कुर्बान करते रहे ,
इस दुनिया को जरूरत है उजाले की ,
चलो आज दिल को खुद के रोशन करते रहे ……
दिया जलता जब तक तेल बाकी है ,
ये दिल है इसमें अभी कुछ कर गुजरने का अरमां बाकी है …,
ये उजाले की लौ को ना ख़त्म होने दे….
आज कोई अँधेरी गली को रोशन कर चले …
जब सब हैं हम भाई-भाई
तो फिर काहे करते हैं लड़ाई
दीवाली है सबके लिए खुशिया लाई
आओ सब मिलकर खाए मिठाई
और भेद-भाव की मिटाए खाई
हरेक के जीवन में हंसी-ख़ुशी भर दो।
अबके दीवाली पर हो रौशन जहां सारा
प्रेम-सद्भाव से सबकी ज़िन्दगी भर दो॥
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
जीवन में लाए खुशियां अपार।
लक्ष्मी जी विराजें आपके द्वार,
शुभकामनाएं हमारी करें स्वीकार।।
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
रंगोली भर दे आपके जीवन में नए रंग
पटाखों का शोर जगाये मन में नयी उमंग
मुबारक हो आपको दीपावली अपनों के संग
### पंडित दयानन्द शास्त्री###
Wo Shaam Ki Ronak,
Wo Gharo Ka Sawarna,
Wo Galiyo Ka Chamakna,
Wo Logo Ki Dhoom,
“DIWALI” is Coming Soon 🙂
Happy Diwali
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,,,,’,,!! ‘ !!
HAPPY DIWALI in VERY advance
Is Swastik Ko Unko Bhejna Hai,
Jinka Good Luck Aap Chahte ho 🙂
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Naino Ke Kajal Se,
Khwabo Ke Aanchal Se,
Mehki Bahar Se,
Is Gul-e-gulzar Se,
Dil Ke Har Taar Se,
Bade Hi Pyar Se,
Kahta Hu Aapse!
Happy diwali in Advance 🙂
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Diwali Gift Hai,
Next Time “BMW” Bhejenge,
iss Saal Jara Mandi Chal Rahi Hai..!! 😛
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Roshan Ho Jaye Ghar Aapka,
Saj Uthe Aapki Puja Ki Thali,
Dil Mein Yehi Umang Hai Mere,
Khushiyan Laye Aapke Liye Yeh Diwali!
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Ehsas Se Banta Hai Vishvas,
Vishvas Se Bante Hai Rishte,
Aur Rishte Se Banta Hai Koi Khas,
Wishing A Diwali Zhakas..
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Deep Jalte Jagmagate Rahe,
Hum Aapko Aap Hume Yaad Aate Rahe,
Jab Tak Zindagi Hai, Dua Hai Hamari,
Aap Chand Ki Tarah Zagmagate Rahe!
Happy Diwali
Ye Diwali Aapke Ghar Aangan Mein,
Dhan Dhanya Sukh Samridhi Aur Ishwar,
Ki Annat Aashirwad Le Kar Aaye!
Happy Diwali
Rathore Ki Aim,
Film Stars Ka Fame,
Game Show Ka Jackpot,
Hit Film Mein Ek Spot,
Jadoo Ki Chhari,
Lots of Crackers Aur Phuljhari,
Sab Ka Dher Saara Pyar Aur Dosti,
and Lots n Lots of Fun n Masti,
Wishing u a very HAPPY DIWALI!
:’: “I”
,___: :___,
>__ __< “WISH”
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___: :___ “U”
>_____< “HAPPY” *DIWALI *
झोपड़ी में जलूँ या महल में भजन में जलूँ या दरगाह पर
चौखट में जलूँ या राह पर प्रेम गीत गुनगुनाऊँगा
मै दिया हूँ रौशनी फैलाऊँगा ।
आज होनी चाहिए “माँ शारदे” की साधना।।
अपने मन में इक दिया नन्हा जलाना ज्ञान का।
उर से सारा तम हटाना, आज सब अज्ञान का।।
आप खुशियों से धरा को जगमगाएँ!
दीप-उत्सव पर बहुत शुभ-कामनाएँ!!
जब सब हैं हम भाई-भाई
तो फिर काहे करते हैं लड़ाई
दीवाली है सबके लिए खुशिया लाई
आओ सब मिलकर खाए मिठाई
और भेद-भाव की मिटाए खाई
जीवन में लाए खुशियां अपार।
लक्ष्मी जी विराजें आपके द्वार,
शुभकामनाएं हमारी करें स्वीकार।।
तिलिस्म है अनोखा।
आपको एेसा नहीं लगता!!!
मैं तो बड़ी शिद्दत से इस बात को महसूस करता हूं।
चाहे किसी भी जगह सदियों से कोई रोशनी नहीं गई हो।
अंधेरा जम कर सर्द और घना हो गया हो।
कुछ भी साफ न हो।
वहां भी रोशनी के आते ही जादू होता है।
बस एक किरण और अंधेरे का खात्मा ।
काफूर हो जाता है।
है ना जादू ।
दीपावली का पावन पर्व हें आया,
दीपों की लड़ियों ने हे मन को लुभाया,
अमावस्या की घन घोर निशा को,
दीप-ज्योति ने दूर किया…..
करें प्रार्थना देव गणेश की…##
जो हे हरते विघ्न जगत का..
करें अर्चना माँ सरस्वती की…##
दो हमें आशीर्वाद बुद्धि -विवेक का…
करें वंदना माँ महालक्ष्मी की…
दे दो हमें प्रसाद वैभव – खुशहाली का….##
जिस साये में पल रहा अँधेरा,
उस साये को तुरंत हटा दो,
मेहनत और कर्म में लगें हे जो ,
उन मनुष्यों को गले लगा लो….###
हटा दो दाग अत्याचारों के,
दूर करो अँधेरा अज्ञान का,
हटा दें कुरूतियों को,
छाए घटा सर्वत्र संस्कारों की,
ज्ञान की अलख सभी और हो,
अनीति-भ्रष्टाचार हटा कर उन्हें भी ,
आजाद करो जो हें कुम्हलाये,
बंधे बेड़ियों में,बरसों से..###
दीपावली का पावन पर्व हें आया,
दीपों की लड़ियों ने हे मन को लुभाया##
## पंडित दयानन्द शास्त्री “अंजाना “##