वास्तु के सवाल-जवाब—

मैं जानना चाहती हूं कि वास्तु की दृष्टि से घर का ड्राइंगरूम किस दिशा में होना चाहिए?
घर में ड्राइंगरूम बनाने के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा सबसे अधिक उपयुक्त होती है। इस दिशा के स्वामी पवन देवता होते हैं और यहां मेहमानों का आवागमन सुचारु रूप से चलता रहता है। अगर ऐसा संभव न हो तो उत्तर-पूर्व में भी ड्राइंगरूम बनवाया जा सकता है। यह दिशा भी शुभ फलदायी होती है। यह दिशा भी सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होती है। घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में ड्राइंग रूम कभी नहीं बनवाना चाहिए। इससे मेहमान आपके घर के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर सकते हैं। ड्राइंगरूम में फर्नीचर की व्यवस्था इस तरह करें कि आगंतुक से बातें करते समय आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रहे।
मेरे नए मकान का बेसमेंट एरिया काफी बडा है। हमारे पास गाडी की पार्किग के लिए अलग से गैराज भी है। इसलिए बेसमेंट खाली पडा हुआ है। मैं जानना चाहती हूं कि घर के इस हिस्से का इस्तेमाल और किन कार्यो के लिए किया जा सकता है?
इस स्थान का उपयोग स्टोर या पार्टी हॉल के रूप में किया जा सकता है। यहां आप बच्चों के लिए कोई ऐसा एक्टिविटी रूम भी बनवा सकती हैं, जहां उनके लिए टेबल टेनिस, कैरम और दूसरे इंडोर गेम्स खेलने की व्यवस्था हो। कुल मिलाकर सारांश यह है कि घर के इस हिस्से को सूना, अव्यवस्थित और गंदा नहीं छोडना चाहिए। इस स्थान की नियमित रूप से सफाई और देखभाल होनी चाहिए। बेसमेंट का एनर्जी लेवल थोडा कम होता है। इसलिए यहां बेडरूम, पूजा स्थल या स्टडी रूम नहीं बनवाना चाहिए। ट्यूब लाइट और लैंप के जरिये यहां समुचित प्रकाश व्यवस्था रखें और अरोमा लैंप जलाएं। इससे यहां सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होगी।
कुछ ही दिनों पहले हम अपने नए फ्लैट में शिफ्ट हुए हैं। इसमें हमारा किचन उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थित है। मैं यह जानना चाहती हूं कि क्या यह वास्तु की दृष्टि से सही दिशा में बना हुआ है?
वास्तु की दृष्टि से आपका किचन तटस्थ दिशा में बना हुआ है। इसलिए यहां किचन रखने में न तो कोई नुकसान और न ही कोई फायदा है। अपने वर्तमान किचन का और अधिक वास्तु लाभ लेने के लिए आप इस बात का ध्यान रखें कि खाना बनाते समय आपका मुंह पूर्व दिशा की ओर रहे। बर्तन धोने का सिंक उत्तर दिशा में होना चाहिए। किचन के प्लेटफॉर्म के लिए काले के बजाय हरे रंग के मॉर्बल का इस्तेमाल करें।
हमारा दोमंजिला मकान है। जिसमें हम ऊपरी मंजिल पर रहते हैं और मेरे सास-ससुर नीचे रहते हैं। हमारा किचन, ड्राइंगरूम और पूजा का स्थान भी नीचे है। बार-बार नीचे आने की परेशानी से बचने के लिए मैं अपने बेडरूम केएक हिस्से में ही मंदिर बनवाना चाह रही थी, लेकिन मेरी एक सहेली ने ऐसा करने से मना कर दिया। मैं जानना चाहती हूं कि क्या यह यह वास्तु की दृष्टि से गलत है?
आपकी सहेली ने आपको बिलकुल सही जानकारी दी है कि एक ही घर में दो पूजा स्थल नहीं होने चाहिए। इससे घर की सकारात्मक ऊर्जा विभाजित हो जाती है। इतना ही नहीं, इससे परिवार की एकता और आपसी सामंजस्य की भावना में भी कमी आ सकती है। आप चाहें तो ऊपरी मंजिल के पूर्व दिशा की दीवार पर किसी देवी-देवता की तसवीर लगा सकती हैं, लेकिन भगवान की विधिवत पूजा-अर्चना एक ही जगह होनी चाहिए।
अभी हाल ही में मैंने एक प्लॉट खरीदा है। मकान बनाने से पहले मैं पानी के लिए बोरिंग करवाना चाहती हूं। इसके लिए कौन सी दिशा उपयुक्त होगी?
आप संपूर्ण उत्तर या पूर्व दिशा में कहीं भी बोरिंग करवा सकती हैं।
मेरा बेटा आठवीं क्लास में पढता है। आजकल पढाई में उसका मन नहीं लगता। उसका कमरा दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित है। क्या उसके कमरे की दिशा में परिवर्तन करने से कोई फायदा होगा?
यह दिशा बच्चों के रहने और उनकी पढाई के लिए अनुपयुक्त होती है। यहां रहने वाले बच्चों का स्वभाव उग्र हो जाता है और वे बडों की बात नहीं मानते। बच्चों के लिए उत्तर या पूर्व दिशा में बना कमरा उपयुक्त रहता है। बच्चों के कमरे को अपना मास्टर बेडरूम बनाएं। उन्हें उत्तर या पूर्व दिशा के किसी कमरे में शिफ्ट करवा दें। बच्चे की स्टडी टेबल इस तरह व्यवस्थित करें किपढते समय बच्चे का मुख पूर्व या उत्तर दिशा में हो। बच्चों का कमरा हमेशा साफ-सुव्यवस्थित रखें और वहां विद्या की देवी मां सरस्वती का कोई चित्र लगाएं।
.. सुबह के समय पूर्व दिशा में स्थित सभी खिडकियां खोल दें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होगा।
.. घर की डोरबेल और मोबाइल के रिंग टोन में भी किसी कर्णप्रिय मधुर धुन का प्रयोग करें।
.. अगर आपके घर में पारदर्शी कांच की कैबिनेट है तो उसमें पुरानी किताबें, इस्तेमाल में नहीं आने वाले बिजली के उपकरण और दवाएं आदि न रखें।
4. अपनी विवाह योग्य बेटी का बेडरूम उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थित किसी भी कमरे में इस तरह बनाएं कि सोते समय उसका सिरहाना दक्षिण दिशा की ओर रहे। अगर ऐसा संभव न हो तो विकल्प के रूप में पूर्व या पश्चिम दिशा में भी सिरहाना रखा जा सकता है। 
मुझे पिछले कई बरसों से नुकसान हो रहा है। मुझे लगता है कि इसके पीछे कुछ नेगेटिव एनर्जी काम कर रही है। क्या मेरी फैक्ट्री में कोई वास्तु दोष है। कृपया इसका उपचार बताएं। 
आपकी फैक्ट्री का मैप देखा। मुझे भी लगा कि वहां काफी नेगेटिव एनर्जी हावी है। आपकी फैक्ट्री के दक्षिणी-पश्चिमी हिस्से में अंडरग्राउंड पानी टंकी है। वास्तु के हिसाब से यह बहुत ही अशुभ है। दूसरी बात यह कि आपकी फैक्ट्री के नॉर्थ-ईस्ट साइड में बहुत बड़ा इलेक्ट्रिकल ट्रांसफॉर्मर है। हालांकि यह आपकी बाउंड्री के बाहर है, लेकिन इससे भी वास्तु दोष उत्पन्न हो रहा है। फैक्ट्री में पूरी तरह असंतुलन है। मुझे लगता है कि इन कारणों से आपके और आपकी फैक्ट्री के कर्मचारियों के बीच नोक झोंक चलती रहती है। दक्षिणी-पूर्वी हिस्से में कट है, इस कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और इस वह से इसमें रहने वालों के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना बनी रहेगी। 
आपको फैक्ट्री का मेन गेट नॉर्थ-नार्थ ईस्टर्न साइड में शिफ्ट करना चाहिए। इससे वर्तमान स्थितियों में ट्रांसफॉर्मर के कारण पैदा द्वार भेद की स्थिति से छुटकारा मिलेगा। अपनी फैक्ट्री की बाउंड्री में ट्रांसफॉर्मर की ओर रुख कर एक पकुआ मिरर लगाएं ताकि ट्रांसफॉर्मर रिफ्लेक्ट हो सके। साथ ही, आप ट्रांसफॉर्मर की तरफ दीवार पर तुलसी और मनी प्लांट के पौधे रख सकते हैं। ये पौधे पॉजिटिव एनर्जी का संचार करते हैं और ट्रांसफॉर्मर से आ रही नेगेटिव एनर्जी के असर को कम करने में मदद करते हैं। आप इस हिस्से में आर्टिफिशल वाटरफॉल लगा सकते हैं। वह वाटरफॉल इस तरह से लगाया जना चाहिए कि उसका पानी फैक्ट्री में गिरता दिखे। अंडरग्राउंड पानी की टंकी में 9 पिरामिड ( . लेयर- 9×9, .x. और एक टॉप पर) नॉर्थ-ईस्टर्न साइड में रखें। इससे टंकी से आ रही नेगेटिव एनर्जी को एक हद तक कम करने में मदद मिलेगी। बेहतर तो यह होगा कि आप इसे भर दें और नॉर्थ-ईस्टर्न साइड में टंकी शिफ्ट करें ताकि घर में सुख-समृद्धि आ सके। 
मेरे घर का मुख्य दरवाजा दक्षिणी – पूर्वी हिस्से में है। मुझे घर का दरवाजा घर के अंदर कीओर खेलना चाहिए या बाहर मेरे घर में किचन मुख्य दरवाजे के ठीक विपरीत दिशा में है ,यह अच्छा है या बुरा मेरा कमरा स्टोर के ऊपर है। मुझे वहां सोना चाहिए या नहीं 
आपके घर में काफी चीजें ठीक हैं लेकिन फिर भी वहां कई चीजें ऐसी हैं जिनसे वास्तु दोष पैदाहो रहा है। ड्राइंग रूम में डिप्रेशन अच्छी बात है और अगर आप इसके नॉर्थ – ईस्टर्न साइड मेंएक ऐसा एक्वेरियम रखें जिसमें आठ सुनहरी और एक काली मछली हो तो और भी पॉजिटिवऔर बेहतर रिजल्ट हासिल होगा। 
आपने टॉयलेट और बाथरूम के दरवाजों का जिक्र नहीं किया है लेकिन मुझे लगता है किइनकी एंट्री आपके पेंरंट्स के रूम से है जो कि ठीक है। अगर इनके दरवाजे मुख्य दरवाजे कीओर हैं तो इसमें सुधार की जरूरत है। स्टोर के ऊपर आपके कमरे में वैसे तो कोई दिक्कत नहींहै लेकिन आप अपना बेड स्टोर रूम के टॉप से शिफ्ट करें। आप अपने कमरे में शुद्धिकरणऔर नेगेटिव एनर्जी को खत्म करने के आह्वान के बाद एक पिरामिड रख सकते हैं। पिरामिड केआगे रोज अगरबत्ती जलाएं ताकि इसमें एनर्जी बनी रहे। मुख्य दरवाजा घर के भीतर की ओरखुलना चाहिए ताकि पॉजिटिव एनर्जी और संभावनाएं घर में आ सकें। घर में किचन के दरवाजेके ऊपर गणेश जी की मूर्ति रखें। इसका रुख मुख्य दरवाजे की ओर होना चाहिए। आपको किचनके भीतर विपरीत दीवार पर भी गणेश जी की एक मूर्ति रखनी चाहिए। किचन में सिंक और गैसके बीच पिरामिड रखने से भी वास्तु दोष कम करने में मदद मिलेगी। 

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